आयी सर्दियाँ

सृजन




    
ठिठुरन बढ़ गयी भालू मामा,
    सर्दियां देखो फिर से आई।
    छोटी सी ये चिड़िया तुम्हारी,
    ठंड से बहुत ही कपकपाई।।

          बहुत बड़ा घर है तुम्हारा मामा,
          इसलिए  मैं  मामा  घर  आयी।
          अपने  पास  ही  रख  लो  मामा,
          घोंसले में,मैं ठंड से ना बच पायी।।

    बोले प्यार से भालू मामा,

    स्वागत है तुम्हारा चिड़िया रानी,
    सर्दी से तुम ना घबराना , बहुत
    बड़ा घर मेरा तुम यहाँ आ जाना।।

          अबकी सर्दी मामा भांजी साथ मे
          नाचेंगे और जमकर धूम मचाएंगे।
          गुफानुमा घर है मेरा,घर के अंदर
          रहकर  ही  खूब  धूम  मचाएंगे।।


                                     
-नीरज त्यागी
                                    ग़ाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश)

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