मंडूकासन
विधि: मंडूकासन वज्रासन में बैठकर दोनों हाथों की मुट्ठी बंद करें और अंगूठे मुट्ठी के अंदर ले ले अंगूठे का मूल भाग नाभि के दाएं-बाएं लगाएं पूरा श्वास बाहर निकाल कर नाभि को अंदर की ओर पिचकाते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुके गर्दन सीधी रखते हुए इतना झुके कि आपकी एडी शरीर के साथ सटी रहे कुछ क्षण शरीर के क्षमता के अनुसार रुकते हुए धीरे-धीरे वापस आए इसके उपरांत बाएं हाथ की हथेली की कटोरी से बना कर नाभि को ढक ले दा हाथ उसके ऊपर रखें फिर श्वास को बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुके क्षमता अनुसार रुकते भी धीरे- धीरे वापस आए |
सावधानी: शुरू का अभ्यास योग्य शिक्षक की देखरेख में ही करें |
लाभ: इस आसन के करने से हमारी पेनक्रियाज सक्रिय होती है इंसुलिन का स्राव उचित मात्रा में होने पर शुगर समाप्त होती है तथा नाभि के सभी रोग दूर होते हैं।
¨ योगाचार्य राजसिंह (प्र०अ०)
प्राथमिक विद्यालय ख्यावडी , थानाभवन