आज की बालिकाओं सुन लो,
तुमको आगे कदम बढ़ाना है |
आत्मनिर्भर बनके तुमको ,
गर्व से अपना शीश उठाना हैI
देश का नेतृत्व करके तुमको,
गौरवशाली छाप छोड़ना है I
ऊँची छलाँग लगा अंतरिक्ष में,
कल्पना चावला बनजाना है |
झाँसी की रानी बनकर तुमको,
अपने राष्ट्र का मान बढ़ाना है|
वात्सल्य की गंगा बहाना है I
देश की प्रहरी बनकर तुमको ,
सीमा पर साहस से डट जाना हैI
कभी किसी को डॉक्टर बनके,
सबका अमूल्य जीवन बचाना है।
कोई क्षेत्र न बच पाए तुमसे,
नारी का परचम लहराना है |
जल हो थल अथवा हो नभ ,
अपने कदमो के निशाँ बनाना है|
-अलका शर्मा