लाल-गुलाबी,नीले-पीले रंग-बिरंगे,
तितली सब पर इठलाती फिरती,
भँवरे डोले फूलों की डाली-डाली।।
चटकी कलियाँ महकें फुलवारी,
खुशबू फैली उपवन की डगर-डगर,
मोहक लगतीं फूलों की फुलवारी,
मखमल बिस्तर बिछा क्यारी-क्यारी।।
फूलों की खूशबू से आँगन महके,
रंग-बिरंगी फूलों से आँगन सजे,
फूलों की माला से घर को सजा,
घर की बगिया लगती प्यारी-प्यारी।।
सुन्दर-सुन्दर फूलों सी दुनियाँ,
लगतीं हैं बडी ही न्यारी-न्यारी,
नन्हें-मुन्ने छोटे बच्चे भी होते हैं,
हर घर के उपवन की सुन्दर फुलवारी।।
नीतू रानी स.अ.)