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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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गुरुवार, 29 दिसंबर 2022

बहुरूप-रंग-दर्शक नली

 नवाचार का शीर्षक: “केलिडोस्कोप (Kaleidoscope) बहुरूप-रंग-दर्शक नली”

विषय:  विज्ञान

कक्षा: 6-8

आवश्यक सामग्री: समतल दर्पण की 1 इंच चौडी व 6 इंच लम्बी तीन पट्टियां, सेलो टेप, पारभासी  प्लास्टिक का एक पतला टुकड़ा, रंग-बिरंगे कांच के बारीक टुकड़े, रंगीन कागज, पारदर्शी पन्नी आदि।


 निर्माण की विधि:   सबसे पहले दर्पण की तीनों पट्टियों को बराबर-बराबर थोड़ी जगह छोड़कर उल्टा रखकर बीच में  पहली व दूसरी एवं दूसरी व तीसरी पट्टियों को सेलो टेप से चिपका देंगे, इसके बाद इन्हे परावर्तक सतह को अन्दर की ओर मोडकर समबाहु त्रिभुज बनाते हुए तीसरी व पहली पट्टियों को भी सेलो टेप से चिपका देंगे। अब पारभासी प्लास्टिक से 1 इंच भुजा के दो समबाहु त्रिभुज काट लेंगे, एक त्रिभुज के बीच में एक छोटा छेद कर देंगे कि इसके आरपार देखा जा सके । अब कांच की पट्टियों के त्रिभुज के दोनों ओर एक-एक प्लास्टिक का त्रिभुज अच्छी तरह चिपका देंगे । अब छेद से छोटे-छोटे कांच के टुकडे़ अन्दर डाल देंगे। इसके बाद छेद को भी पारदर्शी पन्नी से बन्द कर देंगे । बस हो गया तैयार हमारा केलिडोस्कोप।

प्रयोग की विधि:   प्रयोग करने से पहले केलिडोस्कोप को बाहर से रंगीन कागज से कवर कर लेंगे, या इसे एक प्लास्टिक के पाइप के अन्दर भी लगा सकते है जिससे बाहर से भी यह सुन्दर दिखाई देगा । अब कुछ नही करना, केवल इस केलिडोस्कोप को उठाकर घुमाते हुए एक त्रिभुज में बने छोटे छेद से देखना है । हमें एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगाजो मन को मोह लेगा, और हमें विज्ञान एवं कला का एक अनोखा संगम देखने को मिलेगा।

वैज्ञानिक सिद्धांत: यह निर्माण समतल दर्पण द्वारा प्रकाश के परावर्तन पर आधारित है, जिसमें केलिडोस्कोप के अन्दर तीन परावर्तक सतहों द्वारा परावर्तन होता है और एक षट्कोणीय सममितिय आकृति का निर्माण होता है जो केलिडोस्कोप को घुमाते समय और भी अधिक आकर्षक दिखती है ।

सावधानियां: 1. कांच की पट्टियों के किनारे सेलो टेप या रंगीन कागज से ढक देना चाहिए।

2.   प्लास्टिक की पट्टियां पारभासी व सफेद लेनी चाहिए जिससे केलिडोस्कोप के अन्दर प्रयाप्त प्रकाश जा सके ।

3. रंगबिरंगे कांच के टुकड़े न तो अधिक बारीक हो और न ही अधिक मोटे ।

4 . केलिडोस्कोप को देखते समय इसके पीछे की ओर प्रयाप्त प्रकाश होना चाहिए।

विशेष:  केलिडोस्कोप को देखना काफी अच्छी अनुभूति प्रदान करता है, जो विज्ञान एवं कला के संगम को प्रदर्शित करता है । सभी इस तरह के निर्माण के लिए प्रेरित होते है और विज्ञान के सिद्धांतों को और अधिक रूचि पूर्ण तरीके से समझकर आत्मसात कर सकते है ।

नवीन कुमार शर्मा (स.अ.)

उच्च प्राथमिक विद्यालय (1-8), 

टपराना (ऊन), जनपद- शामली

 

 

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