बारिश की अब हुई विदाई।
ठंडी रानी घर-घर आई।।
कम्बल चादर और रजाई।
निकले अलमीरा से भाई।।
सूरज दादू जल्दी आना।
धूप साथ में अपने लाना।।
देह सभी सेकेंगे बच्चे।
हृष्ट पुष्ट अरु होंगे अच्छे।।
किट-किट सब के दाँत करेंगे।
ठंडे पानी सभी डरेंगे।।
आलस से तुम लो अँगड़ाई।
देखो ठंडी रानी आई।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
राजिम
जिला - गरियाबंद
छत्तीसगढ़