.

सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

नवीनतम

रविवार, 5 जून 2022

अपनी बात

         यह बहुत अच्छी बात है कि भारत सरकार बच्चों की प्राथमिक और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को
लेकर बहुत गम्भीरता दिखा रही है | केवल गम्भीरता ही नहीं दिखायी जा रही है, योजनायें भी बनायीं जा रही हैं और उनका क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया गया है | ‘निपुण भारतएक ऐसा ही प्रयास है | ऐसे प्रयासों के सकारात्मक परिणामों की अपेक्षा इसलिए भी की जा सकती है क्योंकि भारत सरकार का शिक्षा मन्त्रालय इन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की देखरेख, राज्यों के साथ मिलकर कर रहा है | पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों से कमतर हैं लेकिन यह अवश्य कहा जा सकता है कि भारत सरकार और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवम् प्रशिक्षण परिषद् काबुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान’  कार्यक्रम सरकारी विद्यालयों के बच्चों की आधारशिला को अवश्य सुदृढ़ बनायेगा | यह सुदृढ़ आधारशिला उनके स्वर्णिम भविष्य का सृजन करेगी |

  नयी शिक्षा नीति’ पर भी विभिन्न स्तरों पर मन्थन चल रहा है | एक तरह से यह नयी शिक्षा नीति को परिष्कृत और परिमार्जित करने का उपक्रम है |  अब सावधानी यह रखनी होगी कि नयी शिक्षा नीति की पूर्ण समझ शिक्षकों में विकसित करने में कोई कोर-कसर बाकी रखी जाये | इसके लिए यह आवश्यक है कि इस सन्दर्भ में जो भी कार्यशालाएं या प्रशिक्षण आयोजित किये जाएँ वे पूर्णतया ऑफलाइन ही होने चाहिये | ऑनलाइन माध्यम सन्दर्भदाताओं के आपसी संवाद और विमर्श के लिए तो उपयुक्त है लेकिन जब शिक्षकों के उन्मुखीकरण की बात आये तो यह ऑफलाइन ही होना चाहिए |

  हमारे देश की पारम्परिक शिक्षा में कहा गया है —’मा कश्चिद् दुःख भाग भवेत् |’ यह कामना हम  विश्व के उन देशों के बच्चों और उनके परिजनों के लिए भी करते हैं जो युद्ध और आतंकवाद की विभीषिका झेल रहें |

  अगले माह के प्रारम्भ में आने वालीजगन्नाथ रथयात्रा’ के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ |

-जय कुमार

ज्येष्ठ शुक्ला चतुर्थी, विक्रम सम्वत् २०७९  

 

सर्वाधिक लोकप्रिय