जी हां यह बिल्कुल सही है कि--- ""शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग हम दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं""
वास्तविक रूप में शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी सहायता से बालक में जन्मजात शक्तियों ,योग्यता का स्वाभाविक विकास इस प्रकार होता है कि उनके द्वारा न केवल उनका व्यक्तिगत विकास अपितु भौतिक सामाजिक विकास का समायोजन भी होता है ---
अर्थात सर्वांगीण विकास ही शिक्षा का उद्देश्य है और विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता व प्रकृति भी तभी बनी रह सकती है जब वह समय सापेक्ष व समाज के अनुकूल हो अर्थात शिक्षा के उद्देश्य देश काल के अनुसार परिवर्तन होते रहते हैं
"कुछ पल में काम निपटाए यही है आज की तकनीक।
जहां पहुंचना है मुश्किल वहां की खबर लाए यही है आज की तकनीक।
दिल भी बहलाती है कुछ नया सिखाती है
जो नहीं है हमारे वश में वह भी कर दिखलाती है
जी हां यही है आज की तकनीक""।।
आज के समय में शिक्षा की कोई भी प्रक्रिया बिना तकनीक के कुछ अपंग से लगती है सच तो यह है कि तकनीकी विज्ञान इतना समृद्ध और शक्तिशाली होता जा रहा है इसके बिना शिक्षण संबंधी परीक्षण एवं प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान कौशल अधूरे से महसूस होते हैं |
ज्ञान आधारित व्यवस्था अर्थव्यवस्था के वर्तमान युग में देश के सामाजिक आर्थिक विकास में तकनीकी शिक्षा महत्व पूर्ण भूमिका निभाती है यह छात्र छात्राओं को व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करती है ताकि वे अपने व्यक्तित्व को एक ऐसे स्तर तक बढ़ा सकें कि ना केवल अपने देश के विकास में सहयोग प्रदान करें बल्कि दुनिया के विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने में सक्षम हो |
समय के साथ बदलते एवं बढ़ते हुए तकनीकी एवं प्रौद्योगिक विकास में पृथ्वी ही नहीं अपितु
अंतरिक्ष को ही समझने में सक्षम बना दिया है ।
आज बच्चों को तकनीकी उपकरणों के साथ खेलना और उनको समझना भी अच्छा लगता है इससे भी बेहतर तरीके से सीखने को तैयार रहते हैं ।
आज जरूरत है शिक्षकों की इस आवश्यकता को भलीभांति समझना एवं सही और उचित तरीके द्वारा इस्तेमाल और लागू करना ।समय के साथ शिक्षण में आ रहे बदलाव एवं नवाचार में स्वयं को ढाल लेना शिक्षा के लिए अनिवार्य हो जाता है ।
ज्ञान के साथ विज्ञान ने हमें आसमां दिखाया है।
कुछ कमजोरियों को अगर हम दरकिनार कर दें,
तो तकनीकी प्रयोग ने हमें फायदा ही पहुंचाया है
लो देश का हर शिक्षक भी जुड़ गया इससे देखो,
तभी तो संसार में भारत का नाम छाया हुआ है।।
सुनीता आर्य
उच्च प्रा०वि० गागौर
शामली