ओहदा

सृजन
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                15 वर्ष से एस डी एम का पद संभाल  रहा हूँ । मुझे प्रशासनिक कार्य का अच्छा ख़ासा
अनुभव है यही कारण है कि हर बड़ा अधिकारी कोई जटिल कार्य पड़ जाने कारण मुझे ही याद करता है । मैं हमेशा डीएम का ख़ास रहा । डी एम कोई भी हो हमेशा मेरी ही चलती थी ।उनके हर जटिल कामों में मेरी दखलंदाजी रहती ।इस कारण जनपद में मेरा जलजला था । जनपद के हर बड़े आदमी से मेरा परिचय था । पर अचानक डीएम साहब का ट्रांसफर  हो गया ।पर मुझे इस बात का विश्वास था कि वह मुझे ही याद करेगा । पर यह क्या तीन दिन हो गए थे  परंतु मुझे कई पूछने वाला नहीं था ।

  पता किया तो पता चला कि  अधिकारी बड़ा तेज तर्रार है । नया है ,जोश है जुनून है पर कोई जटिल काम पर मुझे ही याद करेंगे । परंतु मेरे अरमानों पर पानी फिर गया । जनपद में हर व्यवस्था परिपूर्ण चल रही थी ।मेरा कद तो कम नहीं हुआ । लेकिन पूंछ कम हो गई थी । अब मैं बेचैन रहने लगा था । मैं डीएम के हर कामों में कमी निकालने लगा । एक बार जनपद में नामित मंत्री का कार्यक्रम जनपद में लागा । मंत्री जी मेरी सहपाठी निकल आये । मेरी बाछें खिल गई । अब तो मैं इस डीएम का तबादला करवा के  मानूँगा

  पूरा जनपद तैयारी में जुट गया । जिस गांव में मंत्री जी का कार्यक्रम था उस गाँव की रौनक ही बदल गई थी ।कभी गाँव की नालियां बजबजाती थी अब सब साफ दिख रही थीं । स्कूल ,ग्राम पंचायत का रंगरोगन किया जा चुका था । स्कूल के मास्टर बच्चों को तोते की तरह रटा रहे थे । उधर गांव का प्रधान शिकायत करने वाले तत्वों के हाथ पांव जोड़ रहे थे । जनपद का पूरा अमला टूट पड़ा और गांव की किस्मत चमक गई थी ।

  पर मेरी किस्मत कब चमकेगी इस पर विचार कर रहा था ।कार्यक्रम बड़ा जोरदार रहा । मंत्री जी ने मुझे तुरंत पहचान लिया और गले से लगा लिया । मेरा मान बड़ गया था। सबके सामने तो डीएम की शिकायत नहीं कर सकता था । कार्यक्रम के समापन के बाद गेस्टहाउस में मिलने पहुंचा तो हम दोनों ने खुल कर बात की । पुरानी यादों को ताजा किया लगे हाथ मैंने डीएम की बुराई करना चालू की । वह बोला-

-’अरे मित्र, डीएम के पीछे क्यों पड़ते हो उसे काम करने दो ।अरे !तुम भी तो अगले महीने डीएम बनने जा रहे हो । मैने सचिवालय में लिस्ट देख ली है । सुनो मित्र जो अच्छा काम कर रहा है उसे काम करने दो मुझे जनपद की हर चीज पता है ।"

  मैं शर्मिंदा हो गया और हर प्रकार का सहयोग करने का वादा किया ।

भगवत पटेल ’मुल्क मंजरी’

 वृंदावन कॉलोनी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश  

 

 

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