नवाचार का शीर्षक: "हवा पर घुमता साँप ”
विषय: विज्ञान, पर्यावरण एवं भूगोल
कक्षा: 6-8
आवश्यक सामग्री: साइकिल की एक ताड़ी, प्लास्टिक का एक ढ़क्कन या लकड़ी का एक टुकड़ा, रंगीन-कागज, रंगीन-स्कैच, कैंची, मोमबत्ती, माचिस इत्यादि ।
निर्माण की विधि: सबसे पहले साइकिल की ताड़ी व प्लास्टिक के ढ़क्कन या लकड़ी के टुकड़े का प्रयोग करते हुए एक स्टैंड तैयार करेंगे। इसके लिए प्लास्टिक के ढ़क्कन या लकड़ी के टुकड़े में बीच में एक इतना मोटा छेद करेंगे कि इसमें साइकिल की ताड़ी समकोणिक अवस्था में फिट हो जाए ।
अब एक रंगीन कागज पर प्रकार की सहायता से कुछ वृत इस तरह बनायेंगे जो किनारे से कुछ दूरी छोड़ कर प्रारंभ होकर फिर अंदर की ओर किनारी जितनी दूरी छोड़ कर दूसरा व फिर तीसरा व चौथा वृत बना लेंगे। अब इन वृतों की सहायता से बाहर से शुरू करते हुए अन्दर की ओर कुंडली की आकृति में एक साँप बना लेंगे व कैंची की सहायता से इसे काट लेंगे। इस प्रकार हमारा स्टैंड व साँप तैयार है।
प्रयोग विधि: सबसे पहले स्टैंड को सीधा खड़ा कर देंगे, अब इसके ऊपर रंगीन कागज से बनाये गये साँप को इसके केंद्र बिन्दु की ओर से संतुलित करके रख देंगे। इतना करने के बाद तीन-चार छोटी मोमबत्तियां स्टैंड के पास जलाकर इस प्रकार रखेंगे कि साँप का बाहरी सिरा मोमबत्ती के ठीक ऊपर परन्तु इतनी दूरी पर रहे कि यह जलने न पाए। कुछ देर बाद हम देखेंगे कि साँप स्टैंड के सिरे पर संतुलित रहते हुए चक्राकार गति करना शुरू कर देता है ओर यह गति लगातार चलती रहती है ।
सावधानियां: 1. ढक्कन या लकड़ी के टुकड़े में छेद करते समय सावधानी रखनी चाहिए। 2. साइकिल की ताड़ी का ऊपरी सिरा किसी पत्थर पर घिसकर नुकिला कर लेना चाहिए जिससे गति होते समय न्यूनतम घृषण हो। 3. मोमबत्तियों का प्रयोग करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए।
विशेष: हवन कुण्ड के ऊपर छत के पंखे का घूमना, दीवाली पर कंडील का हवा में उड़ना, गर्म हवा के गुब्बारे का हवा में उड़ना व हवा का चलना आदि क्रियाएँ भी दैनिक जीवन में इसी नियम पर होने वाली क्रियाएँ है ।
नवीन कुमार शर्मा (स.अ.)
उच्च प्राथमिक विद्यालय (1-8),
टपराना (ऊन), जनपद- शामली