उसके स्कूल में उसका एक मित्र है उसके पापा का देहांत हो चुका है. उसकी माँ किसी तरह से उसकी पढ़ाई का खर्चा उठा पा रही है. उसके पास एक किताब नहीं थी जिसकी वजह से उसे रोज डांट पड़ती थी. आज मैंने आपके दिये हुए रुपयों से उसके लिए वह किताब खरीदी और न्यू ईयर के तोहफे के रूप में उसे दे दी. आपने मुझे बड़े प्यार से वह रुपये दिए थे उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद. लेकिन मुझे वही करना ठीक लगा. आप गुस्सा तो नहीं हैं न?
दादा जी ने चिंटू की पूरी बात सुनी और बहुत खुश हुए. उन्होंने कहा कि मैं तो तुम्हारी सोच जानकर हैरान हूँ. इतने छोटे से दिमाग में इतना गहरा विचार.
क्या बात है चिंटू आज तो तुमने ही मुझे न्यू ईयर का गिफ्ट दे दिया. तुम्हारा गिफ्ट सबसे अलग और अनोखा रहा. इस नेक सोच को आगे भी बरकरार रखना बेटा.
ज़मीला खातून
झांसी, उत्तर प्रदेश