नानी करती प्यार है, बैठ सभी के साथ।
खेल-खेलती है सदा, और पकड़ती हाथ।।
और पकड़ती, हाथ हमारे, हँसती गाती।
बच्चे के संग, बच्ची बन कर, खुश हो जाती।।
खेल-खेल में, हम सब की वह, बनती रानी।
बचपन की वो, बात बताती, प्यारी नानी।।
टोली लेकर साथ में, जाते नानी गांव।
बड़े मजे से खेलते, बैठ पेड़ की छाँव।।
बैठ पेड़ की, छाँव सभी जी, सुने कहानी।
पंच तन्त्र की, बात बताती, प्यारी नानी।।
चुन्नू मुन्नू, खुश हो कर के, करे ठिठोली।
बच्चे-बच्चे, बैठा करते, बनकर टोली।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
कबीरधाम, छत्तीसगढ़
नानी करती प्यार है, बैठ सभी के साथ।
खेल-खेलती है सदा, और पकड़ती हाथ।।
और पकड़ती, हाथ हमारे, हँसती गाती।
बच्चे के संग, बच्ची बन कर, खुश हो जाती।।
खेल-खेल में, हम सब की वह, बनती रानी।
बचपन की वो, बात बताती, प्यारी नानी।।
टोली लेकर साथ में, जाते नानी गांव।
बड़े मजे से खेलते, बैठ पेड़ की छाँव।।
बैठ पेड़ की, छाँव सभी जी, सुने कहानी।
पंच तन्त्र की, बात बताती, प्यारी नानी।।
चुन्नू मुन्नू, खुश हो कर के, करे ठिठोली।
बच्चे-बच्चे, बैठा करते, बनकर टोली।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
कबीरधाम, छत्तीसगढ़