इस बार गरबे के लिए सुनंदा ने बहुत महंगी ड्रेस का प्रबंध किया । सुनंदा के पति सुरेश भी गरबे के बहुत शौकीन । दोनों अच्छी तरह से सज धज कर शहर के प्रसिद्ध गरबा मंडल में जाने को तैयार हो गए । आज सुनंदा ने विशेष श्रंगार किया ।
अचानक माँ ने अपने कमरे से आवाज लगा दी " बेटा सुरेश,मुझे ठंड देकर बुखार आ रहा है । बदन दर्द बहुत हो रहा है। सांस लेने में तकलीफ हो रही है" इससे पहले कि सुरेश,माँ के पास पहुंचता सुनंदा ने चिल्लाते हुए कहा" पहले घड़ी देखिए । समय हो गया है । आज तो गरबे का विशेष महत्व है । जब भी कहीं बाहर जाने का होता है माताजी पहले बीमार पड़ जाती है । हमेशा अड़ंगा लगा देती है । घर होना कोई अनोखी बात नहीं है "
सुरेश ने माँ को पानी के साथ बुखार की गोली पिला दी। ऊपर से मोटी रजाई डाल दी । जल्दी वापस लौटने का कहकर दोनों गरबा करने के लिए अपनी कार से चले गए ।
मंहगे लहंगे चुनर में सजी-धजी सुनंदा आज सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी । आज सुनंदा का उत्साह उमंग देखने लायक था। देर रात तक गरबा चलता रहा ।
घर पर माँ को संभालने वाला कोई नहीं था। बुखार बढ़ता ही जा रहा था ।बदन दर्द से परेशान माँ पलंग पर पानी पानी चिल्लाती रही । गरबा खत्म हो जाने के बाद सुरेश और सुनंदा शहर के प्रसिद्ध ढाबे पर खाना खाने चले गए । रात अधिक होने पर दोनों अपनी कार से वापस घर आ गए । घर पहुंचते ही सुनंदा बोली " आज तो गरबे में आनंद आ गया । एक से एक सुंदर कपल सज धज कर आए थे। मेरी ड्रेस की सभी तारीफ कर रहे थे । ...अबतो बहुत थक गई हूं। जोरों से नींद आ रही है । आज तो रतीजगा हो गया"
यह कहकर सुनंदा अपने बेडरूम में चली गई । सुरेश माँ के कमरे में गया माँ पर हाल थी बहुत तेज बुखार चढ़ा हुआ था बुखार के कारण कंपकंपा रही थी। पसीने में तरबतर हो गई ।
सुरेश ने बुखार की एक गोली और माँ को दे दी । सुबह डॉक्टर को दिखाने का कहकर बेडरूम में जाने लगा । माँ ने रोते हुए कहा-
" बुखार और बदन दर्द के कारण आज गरबे वाली माँ ने मेरा भी रातिजगा करवा दिया "
-रमेश चंद्र शर्मा
इंदौर, मध्यप्रदेश