झूठ बोल कर नाव किसी की,
सदा नहीं आगे बढ़ती।
जब आती है उथल-पुथल,
तो लहरों में जाकर फँसती।।
सत्य बोलना जिसने भी,
जीवन में अपनाया है।
अद्भुत छवि, सम्मान जगत का,
उसने स्वयं कमाया है।।
तुम भी ले लो शपथ आज,
हम सत्य सत्य ही बोलेंगे।
आयें चाहे कितनी बाधा,
पथ हम कभी न बदलेंगे।।
जीत तुम्हारी होगी प्रतिपल,
आगे बढ़ते जाओगे।
एक समय ऐसा होगा जब,
हारों से लद जाओगे।।
-प्रो० सत्येन्द्र मोहन सिंह
महा० ज्यो० फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय
बरेली, उत्तर प्रदेश
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