स्वच्छ हवा और भोजन तुम्हें दूंगा।
मरने के बाद भी काम आऊंगा लकड़ी बनकर,
जीने दो मुझको अगर, मैं तुम्हें जीवन दूंगा।
ध्वनि प्रदूषण वायु प्रदूषण सोखते रहते,
ये सचमुच के ऐसे देव हैं।
खुद विष पीकर अमृत हमें देते,
ये तो हमारे लिए साक्षात महादेव हैं।
पशु -पक्षियों- कीटों को आसरा देते हैं,
मत काटो इन्हें कुछ लेते नहीं बस देते हैं।
मनुष्यों के लिए प्रथम पूजनीय वृक्ष हैं,
जीवन दायक जीवन की इकाई ये वृक्ष हैं।
हवा को शुद्ध करते रहते निरन्तर,
इसलिए वृक्ष हरा सोना कहलाते हैं।
शीतलता देते वातावरण को हर पल,
भूमण्डल का सन्तुलनकर्ता कहे जाते हैं।
आओ मिलकर हम सब वृक्ष लगाएं,
पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व बचाएं।
हर व्यक्ति अगर एक वृक्ष भी लगाएगा,
हरा-भरा पृथ्वी का हर कोना हो जाएगा।
पृथ्वी को उजाड़ होने से आओ हम बचाएं।
न काटेंगे एक वृक्ष भी कभी भूल से,
हम सब मिलकर आओ कसम ये खाएं।
बंजर बनने से पृथ्वी को हम ही तो बचाएंगे,
नई पीढ़ी को भी वृक्ष का महत्व बताएंगे।
उनका भविष्य खुशहाल बने तभी जब,
वृक्ष आज हम सभी अगर लगाएंगे।
चलो हो जाए शुरुआत आज से अभी से
वृक्ष लगाना आज सभी का मूल कर्तव्य है।
अपनी जिम्मेदारी नहीं जरुरत इसे समझना,
हरी-भरी पृथ्वी हम सभी का गंतव्य है।
- गुन्जन कौशल
मेरठ, उत्तर प्रदेश