जिन्दगी मे बीता सबका एहसास बाकी हैं।
सुन्हरें लम्हों की खुशबू अभी बाकी हैं,
जिन्दा हैं तो जिन्दगी अभी बाकी हैं।।
बचपन से जवानी तक साथ गुजरें लम्हें,
उनका खट्टा-मीठा एहसास भी बाकी हैं।
जो गुजरे लम्हें सबके साथ एक प्यारा एहसास,
उनको एक माला मे पहनाना अभी बाकी हैं।।
गुजरें लम्हें ही तो इतिहास बनाते हैं दोस्तों,
क्या ये भी सबको बताना अभी बाकी हैं?
गुजरें लम्हें जिन्दगी भर रहते हैं साथ सबकें,
जिन्दगी बेवफाई कर अपने रास्तें निकल जाती हैं।।
गुजरें लम्हों के साथी भी आज याद आतें हैं,
साथ-साथ बिताए हर पल में जो समाये हैं।
माँ-बाप,बहन-भाई पल-पल के जो साथी हैं,
सगे-सम्बन्धी भी रहतें हमेशा दिल के पास हैं।।
बीतें लम्हों के जो सभी दोस्त साक्षी हैं,
जो जिन्दगी के बीमें की तरह होतें हैं।
जिन्दगी के साथ भी और जिन्दगी के बाद भी,
हमारी प्यारी सी जिन्दगी को महकाते रहते हैं।।
हर बीता लम्हा जिन्दा होने का एहसास है,
बची जिन्दगी भी बीते लम्हों पर सिमट जानी हैं।
ये मेरी ही नहीं मेरे दोस्त सभी की कहानी हैं,
बीते लम्हों से ही सबकी जिन्दगानी महकानी हैं।
नीतू सिंह(स.अ.)
शामली, उत्तर प्रदेश