बेटी

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हर इंसान के वास्ते सम्मान है बेटी ।

सबके दिलों का दुनिया में अरमान है बेटी।

इंसान के जीवन का खजाना यही तो है ।

ममता का मोहब्बत का तराना यही तो है।

और सब के घर आंगन की शान है बेटी

सबके दिलों का दुनिया में अरमान है बेटी।।

इस पर ना करो ज़ुल्म ये मासूम बहुत है।

इसको ना तुम जलाओ यह मासूम बहुत है।

ईश्वर का इस जमीन पर वरदान है बेटी ।

सबके दिलों का दुनिया में अरमान है बेटी।।

 ये बेटियां हमारी तो बेटों से कम नहीं

माता-पिता के वास्ते सम्मान से कम नहीं।

 बेटा अगर फूल तो गुलदान है बेटी ।

सबके दिलों का दुनिया में अरमान है बेटी ।।

आवाज़ जब भी बेटों को अपने लगाएंगे आएगी पहले बेटी।

अपने बड़ों की सेवा में कुर्बान है बेटी ।

 हां यह बिल्कुल सच है , घर समाज और देश ही नहीं पूरे संसार के लिए मिसाल है बेटी।

क्या आप सब मेरे साथ कहेंगे ? सबके दिलों का दुनिया में अरमान है बेटी।।

 

-कविता कुसुमाकर

 

 

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