ना अमीर ना गरीब है सब एक समान ,
या हो अपनी या हो पराई है सब एक समान
जितना दोगे उसका दुगुना तुम पाओगे ,
हर तरफ बस खुशियाँ ही तुम पाओगे
जो पाल- पोस कर तुमको आगे बढाती है,
तुम्हारी खुशियों के लिए खुद कुरबान हो जाती है,
जो अपने हर रूप से दुनिया को संवारती है।
जिसके आगे देवता भी शीष को झुकाते हैं,
या हो अपनी या हो पराई है सब ही एक समान ।
नारी का सभी करें सम्मान।
-नीलम कुमारी