परिश्रम

सृजन
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               दुनिया के सारे शौक पाले नहीं जाते l

               कांच के खिलौने हवा में उछाले नहीं जाते ll

               परिश्रम करने से जीत हो जाती है आसान l

               क्योंकि हर काम तकदीर के भरोसे टाले नहीं जाते ll

परिश्रम मानव जीवन का वह हथियार है जिसके बल पर भारी से भारी संकट पर जीत हासिल की जा सकती हैl परिश्रम वह गुण है जिसे अपना लेने पर व्यक्ति के दुख मिट जाते हैं परिश्रम सफलता का मूल मंत्र है यह कभी बेकार नहीं जाता परिश्रमी लोगों ने संसार में बड़े -बड़े कारनामे दिखाए हैं परिश्रम से भाग्य को भी बदला जा सकता है। जब हम लक्ष्य निर्धारण करते हैं तो आसान लगता है लेकिन जब इस पर काम करते हैं तो फिर स्थिति अलग होती है बाधाएं ,असफलता, सफलता की यात्रा को ध्वस्त कर सकती हैं। पर बिना रुके डर को हराकर सपनों का पीछा करने वाला परिश्रमी ही अपना भाग्य बदल सकता हैl सत्य ही कहा है कि........................ "मनुष्य अपने भाग्य का स्वयं निर्माता है "इसीलिए परिश्रम शील बने, कर्मठ बने ,और अपनी सफलता स्वयं लिखें टूटने लगे हौसले तो यह हमेशा याद रखना कि.... बिना मेहनत के तख्तो -ताज नहीं मिलतेl ढूंढ़ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी क्योंकि... जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नहीं होतेll

 

-सुनीता आर्य

 

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