आज मेरी बिटिया स्कूल चली,
कंधे पर लेकर स्कूल बैग चली,
हाथों में पानी की बोतल ले चली,
चेहरे पर ले प्यारी मुस्कान चली।।
भैया का हाथ पकड चली,
सखियों के संग साथ चली,
हँसते-हँसते देखों स्कूल चली,
कुछ सपनें अपने बुनती चली।।
किताब-कलम लेकर चली,
मन में भर उमंग लें उड चली,
जैसे पंख लगाने स्कूल चली,
आज मेरी बिटिया स्कूल चली।।
पडोस के बच्चों को छेडती चली,
अपनी सखियों को बुलाती चली,
चलों भैया-बहनों स्कूल कहती चली,
आज मेरी बिटिया स्कूल चली।।
पढना हैं जरूरी समझाती चली,
बिना ज्ञान ना मिलता सम्मान,
बिना ज्ञान नर होता पशु समान,
आज सबको यह बताती चली।।
आज अपने खिलौने छोड चली,
साक्षरता की दुनिया में कर प्रवेश,
जैसै दुनिया को बदलने को चली,
आज मेरी बिटिया रानी स्कूल चली।।
-नीतू सिंह