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सृजन समूह शामली, उत्तर प्रदेश

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रविवार, 31 मई 2020

प्रति गुरूत्वाकर्षण निलंबन


नवाचार का शीर्षक:  ”प्रति गुरूत्वाकर्षण निलंबन”
विषय: विज्ञान एवं गणित के लिए उपयोगी
कक्षा:  1 से 8 सभी के लिए उपयोगी।
आवश्यक सामग्री: 6 पुराने पैन  कैप सहित, 2 टूथपेस्ट ट्यूब के ढक्कन, एक मजबूत धागा, एक लोहे की कील या पेंचकस
निर्माण की विधि : सबसे  पहले एक लोहे की कील या पेंचकस को गर्म करके टूथपेस्ट के ढक्कनो में चार-चार छेद कर लेने है, एक छेद ढक्कन के बिलकुल बीच में, दो छेद ढक्कन के बराबर वाली साफ़ में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कर लेने है, ये तीनो छेद इतने बड़े हो कि इनमें पैन  को ठीक-ठीक फिट किया जा सके ।  एक छोटी छेद बराबर वाली साईड़ में दोनो छेद के बीच पिछे की तरफ करना है जिसमें से धागे को डाला जा सके व धागा बाँधा जा सके ।
बस अब  इन छेदो में पैनो को इस प्रकार ड़ाल देना है कि पैनो का पिछला सिरा ढ़क्कन के छेदो में रहे व कैप वाला सिरा आगे कि ओर रहे इससे इनके साथ धागो को बांधने  में सुविधा रहेगी। अब  जो पैन ढक्कन के बीच में है उन दोनों को एक दूसरे के साथ एक छोटे धागे से बांध देना है, इन्हें इस प्रकार व्यवस्थित कर लेना है कि एक ढ़क्कन नीचे रखा हुआ है तो दूसरा ढ़क्कन विपरीत दिशा में ऊपर की ओर हवा में लटका रहे, अब इसी अवस्था मे में एक ओर के दोनो पैन दुसरे ढ़क्कन से तथा दूसरी ओर के पैन   दूसरे ढक्कन से बंध जाए  । अब एक ओर का ऊपर वाला पैन अपनी ओर के नीचे वाले पैन से बांध देना है और ऐसा ही दूसरी ओर भी  करना है ।  बस हो गया तैयार  हमारा “प्रति गुरूत्वाकर्षण  निलंबन”।
प्रयोग की विधि:   एक ढ़क्कन वाले पैन के सैट को नीचे की ओर रखते हुए, दूसरा वाला सैट ऊपर की ओर धागो की सहायता से हवा में लटका हुआ सा प्रतित होता है, यदि बीच वाले पैन के एक ओर से घुमाते हुए धागो का तनाव हट दे तो सारे ऊपर वाले पैन ढ़क्कन के साथ नीचे गिर पड़ते है, जो दोबारा
तनाव देने पर ऊपर की ओर लटक जाते है, इसी कारण इसे प्रति गुरूत्वाकर्षण निलंबन कहा गया है ।  बच्चे पहले तो इसे देखकर रोमाचिंत हो जाते है, परन्तु फिर इसे समझने का प्रयास करते है, धागो से बनी आकृति को देखकर  व तनाव को समझकर इसके सिद्धांत को भी समझने का प्रयास करते है ।
सावधानियां :
1. ढक्कन में छेद ज्यादा बड़े ना हो इतने ही हो कि पैन ठीक -ठीक फिट हो
2. धागा  प्रयाप्त मजबूत हो व ज्यादा मोटा ना हो,
3. धागो की लम्बाई एक दूसरे के साथ सन्तुलित करते हुए हो अर्थात एक धागे की लम्बाई दुसरी ओर के धागे के बराबर रहे,
4. धागे  बांधने के पश्चात यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि धागा खुले या सरके नही ।
प्रयोग क्षेत्र: इस रचना का प्रयोग विशेष रूप से गणित में ज्यामितीय आकृतियों की मजबुती को जानने के लिए व गुरूत्वाकर्षण के नियम को एक अलग ही दृष्टिकोण से देखने के लिए कर सकते है ।
विशेष:  इस प्रकार की क्रियविधि से बालको के मन में यह विचार जाग्रत किया जा सकता है कि पुरानी, बेकार चीजों से भी कुछ अच्छा बनाया जा सकता है, जिससे हमारी पुरानी वस्तुओं  के निस्तारण की समस्या का भी हल होगा व बालक मनोरंजन करते हुये खेल- खेल में ज्ञान भी प्राप्त कर पायेंगे ।

नवीन कुमार शर्मा (स.अ.)
बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय,  टपराना


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