घर से निकले

घर से निकले बन ठन के
चिल्लम चिल्ला करते करते,
साथियों से मिलते जुलते,
गलियों से सड़कों पर जाते,
उछल कूद कर धूम मचातेl
नन्हे नन्हे पांव से
घर से निकले बन ठन के
कांधे पर बस्ता है अपने,
आंखों में लिए हजारों सपने,
छोटे छोटे कदमों से चलके ,
स्कूल चले हम मिलजुल के l
नन्हे नन्हे पांव से
घर से निकले बन ठन के
करी प्रार्थना हाथ भी जोड़ा ,
समूह गान से नाता जोड़ा ,
सभी शिक्षकों ने दिलाया ध्यान ,
सारे बच्चे एक समान ।
नन्हे नन्हे पांव से
घर से निकले बन ठन के
दिन भर पढ़ा मचाई धूम ,
चले घर को अब झूम झूम ,
घंटी बोले टन टन टन ,
बच्चे भागे धम धम धम।
नन्हे नन्हे पांव से
घर से निकले बन ठन के
-कनक लता कनौजिया