नवाचार का शीर्षक: एक दो तीन चार
विषय: सभी विषयो में उपयोगी।
कक्षा: सभी के लिए उपयोगी।
आवश्यक सामग्री: चार रंग के कागज या कार्ड सीट, कैंची, पैंसिल, पटरी इत्यादि।
निर्माण की विधि: सबसे पहले चार अलग- अलग रंग के रंगीन सीट लेकर इन पर समांतर और खड़ी रेखाएँ खींच लेंगे, अब कैंची की सहायता से ताश के आकार की पर्चियां तैयार कर लेंगे। इस तरह की अलग- अलग रंग की कुल 4-4 पर्चियां अपनी कक्षा में हर एक बच्चे को दे देंगे। प्रर्चियों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इन्हें पारदर्शी पन्नी या टेप से कवर भी कर सकते है। बस हमारा यह नवाचार क्रियान्वयन के लिए तैयार है।
प्रयोग की विधि: इस नवाचार का प्रयोग हम किसी भी कक्षा में किसी भी प्रकरण को पढ़ाने के बाद बच्चों ने कहां तक सीखा इसका आकलन आसानी से व सामूहिक परीक्षण के द्वारा कर सकते है । प्रकरण पढ़ाने के बाद हम प्रकरण से सम्बन्धित कुछ वस्तुनिष्ठ प्रश्न तैयार करेंगे और बच्चों से सहमत/ असहमत, हाँ/नही, सत्य/ असत्य एवं वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर अपनी इन रंगीन पर्चियों की सहायता से बड़ी रोचकता से 5 से 10 मिनट में सामूहिक गतिविधि के द्वारा कर सकते है । इसके लिए यदि प्रश्न में हमे सत्य/ असत्य मालूम करना है तो बच्चों को दो पर्चियां हाथ में रखने के लिए कहेंगे व सत्य के लिए एक रंग व असत्य के लिए दूसरे रंग की पर्ची वाला हाथ उठाने के लिए कहेंगे । चार विकल्प में से एक विकल्प चुनने के लिए चार रंगो की पर्चियां हाथ में पकड़ने के लिए कहेंगे, व विकल्प क, ख, ग, घ के लिए अलग- अलग रंग निर्धारित कर देंगे व प्रश्न पूछने पर बच्चे उसी रंग की पर्ची ऊपर उठायेंगे जो विकल्प उन्हे ठीक लगे । जैसे यदि हम पूछते हैं कि भारत की राजधानी क्या है? और हम चार विकल्प देते है दिल्ली, कालीकत, चैन्नई, मुम्बई। यहां यदि हमने पहले विकल्प के लिए हरा रंग तय किया हुआ है, तो यदि सभी बच्चे हरे रंग की पर्ची ऊपर करते है तो इसका तात्पर्य है कि हमारी कक्षा अपने लक्ष्य प्राप्त कर रही है, परन्तु यदि कुछ बच्चे अलग रंग को ऊपर करते है तो हम अनुमान लगा सकते है कि अभी हमें ओर प्रयास की आवश्यकता है।
सावधानियां: बच्चों को विकल्प के साथ कौन सा रंग निर्धारित किया गया है, इसमें सन्देह न रहे अन्यथा गतिविधि का उद्देश्य पूर्ण नही होगा । प्रयास करें कि पर्चियां दोनो ओर से एक ही रंग की हो, व सभी पर्चियां भी समान आकर की हो । प्रश्नों को बोलने या लिखते समय सुस्पष्टता हो ।
विशेष: यह एक रोचक विधि तो है ही और साथ ही साथ यह विधि क्योंकि समूह में की जा रही है तो इसकी उपयोगिता ओर अधिक बढ़ जाती है । यदि बच्चों का व्यक्तिगत परीक्षण किया जाता है तो कुछ बच्चे झिझकतावश अपने उत्तर नही दे पाते, परन्तु इस विधि के द्वारा सभी बच्चे अपने उत्तर देने का प्रयास करते है । इसके साथ- साथ यह विधि पारम्परिक परीक्षण से अलग है, एवं इस विधि के द्वारा कालांश के अन्तिम भाग का बड़ी ही रोचकता पूर्वक उपयोग किया जा सकता है ।
यह विधि सभी कक्षाओं व विषयो के लिए उपयोगी है, इसके साथ-सिथ विभिन्न अवसरो व विशेष दिवसों पर भी खेल व क्विज की रुप में भी इस विधि का प्रयोग कर सकते है ।
नवीन कुमार शर्मा (स.अ.)
बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय, टपराना