विषय: विज्ञान
कक्षा: 8 के लिए विशेष रूप से उपयोगी।
आवश्यक सामग्री: एक पुराना जूते का खाली डब्बा, 100 वाट का फ्यूज बल्ब, चिपकाने वाली टेप, रंगीन कागज़, चिपकाने के लिए विशेष पदार्थ इत्यादि।
निर्माण की विधि: सबसे पहले इस प्रोजेक्टर के लिए एक उच्च क्षमता का उत्तल लेंस तैयार करते है, इसके लिए फ्यूज बल्ब की होल्डर वाली टोपी सावधानी पूर्वक हटाकर इसके अन्दर वाली कांच की ड़ंड़ी व फिलामेंट तार निकाल देंगे। इतना करने के बाद हमारे पास केवल बल्ब का खाली कांच वाला हिस्सा रह जाता है। इस बल्ब के अन्दर पानी भरने पर यह उत्तल लेंस बन जायेगा। बल्ब के अन्दर पानी निर्माण पूरा होने के बाद ही भरना है। अब इस प्रोजेक्टर का दूसरा भाग जूते के खाली ड़ब्बे से तैयार करना है। इसके लिए ड़ब्बे के एक चौड़ाई वाली साइड़ में से बल्ब के आकर व साइज का गत्ता काटकर हटा देंगे। इस भाग में अपने तैयार किये गये बल्ब को इस प्रकार चिपका देंगे कि बल्ब का आधा भाग ड़ब्बे के अन्दर व आधा भाग ड़ब्बे के बाहर रहे। बल्ब के ऊपर का मुंह वाला भाग भी इसी तरह रहे। अब ड़ब्बेबस के अन्दर मोबाइल फोन को खड़ा करने के लिए आगे पिछे चलने वाला एक स्टैंड लगा देंगे। बाहर से ड़ब्बे को
रंगीन कागज से ढक देंगे। बस हो गया अपना प्रोजेक्टर तैयार।
प्रयोग की विधि: इस प्रोजेक्टर का प्रयोग करने से पहले इसके बल्ब में में पानी भर लेंगे। अब ड़ब़्बे के अन्दर स्टैंड में अपना स्मार्ट फोन खड़ा कर देंगे। मोबाइल फोन का रोटी फंक्शन आफ व ब्राइटनेस हाई रखेंगे। अब इस प्रोजेक्टर को को एक सफेद दीवार या पर्दे के सामने रख देंगे व कमरे में अन्धेरा कर देंगे। दीवार या पर्दे पर जो दृश्य दिखाई दे रहा होगा उसे प्रोजेक्टर को आगे पिछे कर दृश्य को ठीक कर लेंगे। जो दृश्य मोबाइल की स्क्रीन पर होगा उसे हम अपने सामने देख पायेंगे।
सावधानियां: मोबाइल फोन की ब्राइटनेस हाई मोड़ पर व कमरे में पूर्णत: अंधेरा हो। ड़ब्बेबस के अनदर मोबाइल फोन व पर्दे के सामने प्रोजेक्टर को आगे पीछे कर दृश्य को ठीक कर लेना चाहिए। कांच का बल्ब बहुत ही नाजुक होता है अत: इसके प्रयोग में हमें विशेष सावधानी रखनी चाहिए। बल्ब में पानी प्रयोग करने से पहले भरना चाहिए व प्रयोग करने के बाद पानी निकाल देना चाहिए।
विशेष: यह माड़ल उत्तल लेंस के अनुप्रयोग पर आधारित है। कक्षा 8 के छात्र विज्ञान विषय के पाठ “प्रकाश एवं प्रकशिक यंत्र” के अन्तर्गत लेंसों एवं उनके द्वारा प्रतिबिंब बनने के नियमो व उनके गुणो के बारे में सिखते है। इस माड़ल के द्वारा छात्र यथार्थ रूप में उत्तल लेंस के द्वारा बने प्रतिबिंबो को देख पाते है। साथ ही साथ मोबाइल की स्क्रीन पर प्रदर्शित दृश्यो को भी देख पाते है। इस माड़ल का निर्माण हमारे विद्यालय के कक्षा 8 के एक छात्र द्वारा किया गया था, जिसे 2016 में डाइट मुजफ्फरनगर द्वारा आयोजित प्रदर्शनी “उन्नयन” में प्रदर्शित किया गया था। प्रदर्शनी में आये बहुत से लोगों ने इस माड़ल की भी प्रशंसा की थी ।
नवीन कुमार शर्मा (स.अ.)
बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय टपराना